नई दिल्ली। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने अब सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ देने की घोषणा की है। इसके तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मिनी कार्यकर्ताओं को 1 लाख रुपये, जबकि सहायिकाओं को 40,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है, जिससे लाखों आंगनवाड़ी कर्मियों को लाभ मिलेगा।
बाल विकास विभाग का बड़ा फैसला
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को रिटायरमेंट पर आर्थिक सहायता देने की स्वीकृति का अनुरोध किया था। इसके बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने बाल विकास विभाग को आदेश जारी कर दिया है, जिसके तहत 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी राज्यों को आंगनवाड़ी कर्मियों को ग्रेच्युटी देने के निर्देश दिए थे। हालांकि, अब तक केवल कुछ ही राज्यों ने इसे लागू किया है।
किन राज्यों में लागू हुआ ग्रेच्युटी का आदेश?
- राजस्थान: बजट में आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय बढ़ाने और ग्रेच्युटी देने का प्रावधान किया गया।
- बिहार: 1 से 1.5 लाख रुपये ग्रेच्युटी का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।
- उत्तराखंड: वर्तमान में 30,000 रुपये दिए जा रहे हैं, जिसे 1-1.5 लाख रुपये करने की योजना है।
- त्रिपुरा: हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी वर्करों के पक्ष में फैसला सुनाया, उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ देने का आदेश दिया।
- मध्यप्रदेश: वेतन बढ़ोतरी और ग्रेच्युटी की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
- उत्तर प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद योगी सरकार ने अब तक इसे लागू नहीं किया है।
क्या कहती है सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि आंगनवाड़ी वर्कर ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत इस लाभ के हकदार हैं। अदालत ने राज्यों को इसे जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक सभी राज्यों में इसे अमल में नहीं लाया गया है।
आंगनवाड़ी कर्मियों को मिलेगा उनका हक?
ग्रेच्युटी का यह फैसला आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। अब देखना यह होगा कि देश के बाकी राज्य कब तक इसे लागू करते हैं और क्या केंद्र सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती है।